दोस्तों, कोल्ड स्टोरेज एक ऐसा गोदाम है जिसका तापमान बहुत ठंढा रखा जाता है जिसके अन्दर फल, सब्जियां, मिट, डेरी प्रोडक्ट्स इत्यादि को रखा जात है। ताकि जल्दी ख़राब न हो और ये ज्यादा दिनों तक इस्तमाल में आता रहे, ताकि बाजार में इन चीजो की कमी न हो और इसकी सप्लाई लगातार चलती रहे, जिससे महंगाई दर में वृधि नहीं होती। भारत में कोल्ड स्टोरेज की  क्षमता बहुत ही कम develop हो पाया है, इसलिए इस बिज़नेस  में काफी ज्यादा स्कोप है । मैंने फिछले पोस्ट में कोल्ड स्टोरेज बिज़नस  के बारे में बताया है। इस पोस्ट में हम जानेंगे की कोल्ड स्टोरेज refrigeration plant  कैसे काम करता है। कोल्ड स्टोरेज refrigeration plant मशीनरी उपकरणों और पाइप लाइनों का एक जटिल संरचना होता है जिसके अंदर अमोनिया रेफ्रिजरेंट को पाइपों के अंदर एक cycle के तहत वाष्पित कराया जाता है, जिससे कोल्ड स्टोरेज के अंदर ठंढा होता है। इस प्लांट में बिभिन्न प्रकार के मशीनरी components लगे होते है, इनमे से कुछ components के नाम नीचे दिये जा रहे है ताकि आपको समझने में आसानी हो।


 

Compressor :  कंप्रेसर refrigeration plant का एक मुख्य component है, जोकी अमोनिया गैस को compress करके उसे high pressure में परिवर्तित कर देता है और पुरे प्लांट में रेफ्रिजरेंट को प्रवाहित करता रहता है जिससे refrigeration cycle चलते रहता है।  

                       

 

Evaporator :  Evaporator पाइप का बना हुआ coil होता होता है जिसके ऊपर cooling और बर्फ आती है  उसके ऊपर fan cooling को पुरे कोल्ड स्टोरेज में फैलाया जाता है। 


  

Condenser : कंडेंसर High-pressure vapor refrigerant को ठंडा और कंडेंस करके फिर से लिक्विड रूप में लाने का काम करता है।


Expansion Valve : Expansion valve में एक संकरा छेद होता है, जिसके द्वारा हाई प्रेशर लिक्विड अमोनिया रेफ्रिजरेंट, evaporator के कम दबाव क्षेत्र में enter होता है।


  

अमोनिया की उपयोगिता :

 कोल्ड स्टोरेज प्लांट में अधिकतर अमोनिया आधारित रेफ्रिजरेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है, क्योकि अन्य रेफ्रिजरेंट की तुलना में अमोनिया 3 से 10 % तक अधिक कुशल होता है जिससे विद्द्युत खर्च कम आता है और ये पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है। 

 

 

रेफ्रिजरेशन cycle :

 इस पोस्ट में हम अमोनिया आधारित vapour compression रेफ्रिजरेशन सिस्टम के बारे में बात करेंगे, यानी इस सिस्टम में  vapour refrigerant को compress करके काम करता है। compressor प्लांट का एक मुख्य component होता है इसके अंदर पिस्टन लगे होते है जो एक तरफ से low pressure vapour अमोनिया को सक्शन पाइप लाइन के द्वारा खींचता है, और दूसरी तरफ उसे compress करते हुए डिस्चार्ज लाइन में धकेल देता है। Compress होने के कारण गैस का तापमान बढ़ जाता है और वह high pressure vapour में परिवर्तित हो जाता है। high pressure vapour अमोनिया डिस्चार्ज पाइप लाइन से आगे बढ़ता है जिसे ठंढा करने की आवश्यक्ता होती है इस लिए उसे एक और उपकरण में लाया जाता जो की कंडेंसर कहलाता है, ये कंडेंसर water cooled होता है जो पाइपों का coil होता है।  इन पाइप लाइनों से होकर high pressure vapor अमोनिया गुजरता है और इसके ऊपर से पानी का शावर लगा होता है, जिससे ये गैस ठंढा होने लगता है और ठंढा होने के साथ-साथ condences होने के कारण ये फिर से liquid फॉर्म में आ जाता है जो की high pressure liquid होता है और एक स्टोरेज टैंक में जमा होने लगता है, जिसे receiver कहते है। Receiver एक बड़ा सा टैंक होता है। high pressure liquid ammonia, फिर से एक और उपकरण से गुजरता है जिसे expansion valve कहते है। इसके अंदर एक पतला छेद होता है इस संकरे छेद से होकर high pressure liquid अमोनिया अचानक कम दबाव क्षेत्र में enter होता है जिसे evaporator कहते है। evaporator में low pressure मेंटेनेंस करके रखा जाता है क्योंकी कंप्रेसर लगातार इसमें का गैस खींचता रहता है। अचानक high pressure liquid अमोनिया expansion valve के संकरे रास्ते से होकर evaporator में enter होता है, तो ये उबल कर बहुत तेज गति से वाष्पित होने लगता है जिसके फलस्वरूप ठंढा होने लगता है, जिसका तापमान -28°F होता है और evaporator पर बर्फ आने लगता है, जिसको पंखे द्वारा पुरे cold room में फैला कर कोल्ड स्टोरेज को ठंढा किया जाता है। vaporized अमोनिया फिर से कंप्रेसर द्वारा खींच लिया जाता है और फिर से वही चक्र दोहराता है और इस तरह refrigeration cycle चलता रहता है और कोल्ड रूम ठंढा रहता है। तो दोस्तों आप ने जाना की कोल्ड स्टोरेज को कैसे ठंढा किया जाता है।

 निचे फोटो में रेफ्रिजरेशन cycle को एक diagram के माध्यम से दर्शाया गया है।