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दोस्तों, आज मै आपको कोल्ड स्टोरेज से सम्बंधित कई तरह के जानकारियां इस पोस्ट के माध्यम से शेयर करूँगा, जैसे : कोल्ड स्टोरेज क्या है, ये कैसे काम करता है, कोल्ड स्टोरेज बिज़नेस में कितना फायदा है, इसमें कौन - कौन से मशीनरी उपकरण लगाए जाते है इत्यादी। तो आइये जानते है इसके बारे में।
(1) कोल्ड स्टोरेज क्या है ?
दोस्तों, कोल्ड स्टोरेज एक ऐसा गोदाम है जिसके अंदर का तापमान बहुत ठंढा रखा जाता है ताकि उसमे रखे हुए बस्तुएं जैसे:- फल, सब्जियां, मीट, मछली, मसाले डेयरी प्रोडक्ट इत्यादि को कई दिनों या कई महीनों के लिए सुरक्षित रखा जा सके। जैसे आपके घरों में रेफ्रीजिरेटर होता है ठीक वैसे ही ये बहुत बड़ा रेफ्रीजिरेटर होता है। इसका तापमान अंदर रखे गए बस्तुओं के आधार पर रखा जाता है, जैसे: अगर आलू स्टोरेज की गई है तो उसका तापमान 38 से 45 C रखा जा सकता है। उसी उसीतरह अगर सेव (apple) स्टोरेज की गई है तो स्टोरेज तापमान 32 to 38ºF रखा जा सकता है। आपने देखा होगा या खबरों में सुना होगा की बाजारों में खाने पिने के सामानो की जब कमी हो जाति है तो उस सामानों की बाज़ार में उसकी महंगाई बढ़ जाती है। इसका यह भी एक कारण है की हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज फैसेलिटी की बहुत कमी होना। तैयार फसलों को अगर सही समय व उचित रखरखाव नहीं किया जाये तो वह ख़राब हो जाते है। जिसके फलस्वरूप बाजार में उन सामानों की उपलब्धता कम होने के कारण उनकी मांगे बढ़ जाती है। जिससे महंगाई दर में बृद्धि हो जाती है। अगर तैयार फसलों को उसी वक्त ख़राब होने से पहले कोल्ड स्टोरेज में रख दिया जाए, तो वह कई दिनों या कई महीनो तक सुरक्षित रहता हैं और उस सामान की उपलब्धता बनी रहने के कारण बाजार में उसकी सप्लाई सुचारू रूप से चलती रहती है जिससे महंगाई दर कंट्रोल में रहता है। हमारे देश में बहुत ज्यादा फल, सब्जियां और डेरी प्रोडक्ट्स का उत्पादन होता है। इसके रखरखाव के लिये कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटीज़ की बहुत आवश्यकता है।
(2) कोल्ड स्टोरेज बिज़नेस कैसे शुरू करे ?
दोस्तों, आज हमारे देश में लगभग 2.9 करोड़ टन का ही कोल्ड स्टोरेज क्षमता उपलब्ध है, जबकि 6.1 करोड़ टन कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटीज़ की जरुरत है। इसलिए इस बिज़नेस में काफी ज्यादा स्कोप है। इस बिज़नेस को शुरू करने के लिए government आपकी आर्थिक मदद भी करती है। इस बिज़नेस लिए सरकार के तरफ से 50% तक की सब्सीडी मिल जाती है, जोकि अधिक से अधिक 10 करोड़ तक हो सकती है। कोल्ड स्टोरेज के लिए दो तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यक्ता होती है :
(1) बिल्डींग : जिसमे वस्तुओं को स्टोर और ठंढा कर के रखा जाता है। इसे एक तरह का ठंढा गोदाम भी कहा जा सकता है जोकि अंदर से इंसुलेटेड होता है, जिससे अंदर की ठंडी हवा बहार न जाए। स्टोरेज क्षमता के अनुसार ये कई फ्लौर या मंजिल के हो सकते है। इस बिल्डिंग के अंदुरुनी दीवाल का इंसुलेशन करने के लिए thermocol sheet या insulated wall panels का उपयोग किया जाता है।
(2) मशीनरी इक्विपमेंट : स्टोरेज में रखे गए चीजों को ठंडा करने के लिए कई तरह की मशीनरी इक्विपमेंट लगाए जाते है। जैसे : compressor, evaporator, condenser, electric कंट्रोल panel आदि लगाए जाते है।
स्टोरेज बिल्डींग बनाने के साथ - साथ मशीनरी इक्विपमेंट को भी खरीदना होगा, जिसे आप मशीनरी मार्किट से या online भी माँगा सकते है।
निर्माण लागत : दोस्तों अगर आप 5000 मैट्रिक टन स्टोरेज कैपिसिटी का कोल्ड स्टोर बनाना चाहते है तो लगभग 5 से 6 करोड़ या इससे अधिक का लागत आ सकता है। कोल्ड स्टोरेज प्लांट के लिए बैंक से लोन दिलाने में नेशनल कॉर्पोरेटिव डेवेलोपमेंट कार्पोरेशन ( NCDC ) आपकी सहायता करती है। फार्म के लिए www.ncdc.in पर जाकर डाउनलोड कर सकते है।
फायदे : भारत
में कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी की बहुत कमी है जिससे इस बिज़नेस में काफी स्कोप है और इसी
कारण इसमें फायदे भी ज्यादा है। मुख्य रूप से मशीनरी और वर्कर्स पर आधारित इस बिज़नेस
में लागत कम और फायदे ज्यादा है। मिसाल के तौर पर अगर 50 kg का 1 पॉकेट का भाड़ा 100 से लेकर 150 रूपये तक लिया जाता है, तो अगर 200 पॉकेट
रखा जाये तो उसका भाड़ा 200 x 100 = 20000 रूपये
हुए, तो अगर 1लाख पॉकेट स्टोरेज क्षमता है तो 100000 x 100 = 10000000 यानि एक करोड़ रूपये हुए जिसमे 30 से 40 % मेंटेनेंस खर्च आ जाता है। ये आकड़ा आलुओ के पॉकेट
के लिए है।
(3) कोल्ड स्टोरेज कैसे काम करता है ?
दोस्तो कोल्ड स्टोरेज में लगाये गए मशीनरी उपकरण अमोनिया या किसी और refrigerant का उपयोग कर, एक जटिल प्रक्रिया के तहत काम करता है। इसमे लगाए गए कुछ मशीनरी उपकरणों के नाम नीचे दिये गये है।
कंप्रेसर, रिसिवर, इवापोरेटर, कंडेंसर, इलेक्ट्रिक
कंट्रोल बोर्ड इत्यादि।
Cold storage के बार्रे में अधिक जानने के लिए इस वीडियो को देखें :--
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